नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दो दिन के दौरे भूटान पहुंचे। भारत और भूटान के बीच हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट, नॉलेज नेटवर्क, मल्टी स्पेशलिएटी हॉस्पिटल, स्पेस सैटेलाइट, रूपे कार्ड के इस्तेमाल समेत 9 समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी भूटान के प्रधानमंत्री डॉ. लोते शेरिंग से संसद में मुलाकात की। प्रधानमंत्री भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिले। इस दौरान ‘भारत माता की जय’ और ‘मोदी जिंदाबाद’ के नारे लगे। थिंपू के पारो इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री लोते शेरिंग ने उनका स्वागत किया। मोदी को एयरपोर्ट पर ही गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”डॉ शेरिंग की प्राथमिकता अपने नागरिकों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की रही है। हम मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल तैयार करने में उनकी मदद करेंगे। स्पेस टेक्नोलॉजी के माध्यम से हम भूटान के विकास में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों देश छोटे उपग्रह तैयार करेंगे। रॉयल भूटान यूनिवर्सिटी और भारत के आईआईटी को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।’’
5 परियोजनाओं का उद्घाटन
दोनों देशों के बीच हेल्थ, पॉवर, स्पेस सेटेलाइट, नॉलेज, रूपे कार्ड के इस्तेमाल समेत 9 करार हुए। प्रधानमंत्री मोदी और शेरिंग ने इसरो के ग्राउंड स्टेशन, मेंगदेछू पनबिजली परियोजना समेत 5 प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। मोदी ने भारतीय रूपे कार्ड को भी लॉन्च किया। इससे पहले रूपे कार्ड सिंगापुर में भी लॉन्च किया जा चुका है।
दोनों देशों की मित्रता मजबूत होगी: मोदी
विदेश दौरे से पहले मोदी ने कहा कि भूटान के नेतृत्व के साथ बातचीत सार्थक रहेगी और इससे दोनों देशों की मित्रता और मजबूत होगी। दूसरे कार्यकाल के शुरुआत में इस यात्रा से पता चलता है कि भारत अपने पड़ोसी भूटान के साथ संबंधों को कितनी अहमियत देता है। यह मोदी का दूसरा भूटान दौरा है। इससे पहले वे 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद पहले विदेशी दौरे पर भूटान गए थे।
भूटान में छात्रों को संबोधित करेंगे मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं द्विपक्षीय संबंधों के तमाम पहलुओं पर भूटान नरेश, पूर्व नरेश और वहां के प्रधानमंत्री के साथ सार्थक बातचीत को लेकर आशान्वित हूं। साथ ही भूटान के रॉयल विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करने को लेकर भी उत्सुक हूं। मुझे विश्वास है कि इस यात्रा से भूटान के साथ हमारी मित्रता और मजबूत होगी, जिससे दोनों देशों के बीच समृद्धि और प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा। भारत की ‘पड़ोसी पहले’ की नीति रही है। मोदी भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, पूर्व नरेश जिग्मे सिग्मे वांगचुक और प्रधानमंत्री लोते शेरिंग के साथ मुलाकात करेंगे। वे भूटान के राष्ट्रीय स्मारक पर भी जाएंगे।
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