एसिड अटैक का दर्द बयां करती है :छपाक

छपाक (Chhapaak): एसिड सर्वाइवोर्स फाउंडेशन इंडिया के मुताबिक़, हमारे देश में हर साल लगभग 100 – 500 एसिड अटैक होते हैं. अगर आपके आस पड़ोस में या आपके साथ एसिड अटैक से संबंधित को मामला सामने आता है तो पीड़ित की तत्काल सहायता करें..
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छपाक (Chhapaak): एसिड अटैक पीड़ित (Acid Attack Victims) की जिंदगी और संघर्ष पर बनी फिल्म छपाक (Chhapaak) का कल ट्रेलर रिलीज हुआ है. दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) फिल्म में एसिड अटैक पीड़िता मालती का किरदार निभा रही हैं जो न्याय पाने के लिए संघर्ष करती हैं. इस फिल्म में एसिड अटैक पीड़ित के दर्द को काफी करीब से दिखाया गया है. ऐसे लोगों को न केवल शारीरिक दर्द झेलना पड़ता है बल्कि वो जिंदगी भर मानसिक तनाव में भी रहते हैं. एसिड सर्वाइवोर्स फाउंडेशन इंडिया के मुताबिक़, हमारे देश में हर साल लगभग 100 – 500 एसिड अटैक होते हैं. अगर आपके आस पड़ोस में या आपके साथ एसिड अटैक से संबंधित को मामला सामने आता है तो पीड़ित की तत्काल सहायता करें ताकि एसिड अटैक से होने वाले नुकसान से काफी हद तक बचा जा सके. आइए जानते हैं कि आप इससे कैसे बच सकते हैं…

एसिड अटैक विक्टिम की ऐसे करें मदद:
1. एसिड अटैक विक्टिम की मदद करने के लिए तत्काल उसके घाव को बहते पानी के नीचे कर दें. घाव को ठंडा करने के लिए गीला कपड़ा न इस्तेमाल करें. जितनी जल्दी हो सके घाव को बहते पानी के नीच करें. एसिड पानी में घुलनशील है.

2. द सन में प्रकाशित की रिपोर्ट में Royal College of Emergency Medicine के स्पोक्सपर्सन Dr Adrian Boyle ने कहा कि इन मामलों में बेहद जरूरी है कि एसिड अटैक पीड़ितों को जल्द से जल्द सहायता पहुंचाई जाए.

3.उन्होंने बताया कि अगर आप किसी व्यक्ति को एसिड अटैक का शिकार होते हुए देखते हैं तो भूलकर भी एसिड को अपने हाथ से साफ करने की कोशिश न करें. अगर आप ऐसा करेंगे तो आपका हाथ भी जल सकता है. लेकिन अगर किसी व्यक्ति पर पाउडर जैसे पदार्थ से एसिड हमला किया गया है तो इसे कपड़े के जरिए हलके हाथ से पोंछ दें.

4. एसिड अटैक की वजह से जले हुए बॉडी पार्ट को तब तक ठंडे पानी के नीचे रखें जब तक कि जलन कम होती न महसूस होने लगे. इसमें 45 मिनट भी लग सकते हैं.

5. अगर एसिड अटैक पीड़ित ने जख्म की जगह पर कोई ज्वेलरी या कपड़ा पहना है तो उसे उतार दें या पीड़ित को उतारने को कहें. अगर हो सके तो एकदम साफ पट्टी के कपड़े को घाव के आसपास एकदम ढीला करके बांधें. इससे जख्म में इन्फेक्शन की संभावना नहीं रहेगी.

6. अगर एसिड अटैक की वजह से पीड़ित काफी जख्मी हो गया है तो डॉक्टर उसे फिजियोथेरिपी की सलाह भी दे सकते हैं. इसके अलावा डॉक्टर उसे काउंसलिंग (counselling) की सलाह भी दे सकते हैं.

This article taken refrence from news18

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